*कार्यशाला का उद्देश्य आयुष चिकित्सकों को जीवन रक्षक प्राथमिक चिकित्सा कौशल में दक्ष बनाकर आपात स्थितियों के लिए सशक्त करना था*
*केकड़ी 28 मई (पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क)*
*यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ होम्योपैथी, केकड़ी के द्वारा एक दिवसीय आयुष ट्रॉमा कार्यशाला का आयोजन 27 मई को जोधपुर स्थित सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के परिसर में किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन लाइफलाइन फाउंडेशन, वडोदरा एवं यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ होम्योपैथी, केकड़ी संगठक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयुष मंत्रालय भारत सरकार, राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ दिल्ली के द्वारा एवं एचडीएफसी बैंक के सौजन्य से हुआ।इस कार्यशाला का उद्देश्य आयुष चिकित्सकों को जीवन रक्षक प्राथमिक चिकित्सा कौशल में दक्ष बनाकर उन्हें आपातकालीन स्थितियों में प्रभावी कार्य करने में सक्षम बनाना था, जिससे देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और अधिक सशक्त किया जा सके।*
*कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति, कुलसचिव श्री अखिलेश्वर कुमार पीपल, पीजीआईए के प्राचार्य डॉ. चंदन सिंह, डीन एकेडमिक डॉ. महेन्द्र सिंह, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ होम्योपैथी केकड़ी एवं जोधपुर के नोडल अधिकारी डॉ. गोविंद प्रसाद गुप्ता, रसशास्त्र एवं भैषज्य कल्पना विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर गोविंद सहाय शुक्ला, सीएचआरडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राकेश कुमार शर्मा, यूसीएच केकड़ी के प्राचार्य एवं चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. पुनीत आर. शाह, तथा यूसीएच जोधपुर के प्राचार्य एवं चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. गौरव नागर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। अपने उद्बोधन में कुलपति महोदय ने इस प्रकार की जीवन रक्षक कार्यशालाओं को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम आयुष चिकित्सकों की व्यावहारिक दक्षता को बढ़ाते हैं। उन्होंने भविष्य में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के नियमित आयोजन की आवश्यकता पर भी बल दिया। कार्यक्रम समन्वयक एवं सीएचआरडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने आयोजन में सहयोग देने वाले सभी संस्थानों और प्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया।*
*कार्यशाला के दौरान लाइफलाइन फाउंडेशन, वडोदरा की प्रशिक्षकों डॉ.अक्षिता भिसे और शिक्षा दुबे द्वारा सभी प्रतिभागियों को CPR, प्राथमिक उपचार एवं आकस्मिक स्थितियों में जीवन रक्षक तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह सत्र अत्यंत प्रभावी और व्यवहारिक रहा, जिससे प्रतिभागी चिकित्सकों में आपातकालीन स्थितियों में आत्मविश्वास से कार्य करने की क्षमता विकसित हुई। इस अवसर पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर और लाइफलाइन फाउंडेशन, वडोदरा के बीच एक औपचारिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर भी किए गए, जिसके अंतर्गत आयुष चिकित्सकों को भविष्य में प्रायोगिक प्रशिक्षण, फील्ड एक्सपोज़र और लाइव सिमुलेशन कार्यक्रमों का लाभ प्राप्त होगा।*
*कार्यशाला के दौरान यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ होम्योपैथी के प्रैक्टिस ऑफ मेडिसिन विभाग में कार्यरत डॉ. अंशुल चाहर द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन भी सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा विधिवत रूप से किया गया। कार्यक्रम का समापन यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ होम्योपैथी, केकड़ी के प्राचार्य एवं चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. पुनीत आर. शाह द्वारा सभी गणमान्य अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।*




