केकड़ी 19 मई(पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क)*
*छात्र जीवन केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि यह आत्मविकास, उद्देश्य और संतुलन की दिशा में पहला कदम होता है इसी भावना को साकार करते हुए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (NIELIT) के केकड़ी परिसर में सोमवार को एक विशेष आध्यात्मिक सत्र आयोजित हुआ।इस अवसर पर तेरापंथ धर्मसंघ की तीन विदुषी साध्वियों — साध्वी लक्ष्य प्रभा (एमए, गोल्ड मेडलिस्ट), साध्वी नव्य प्रभा (एमए) एवं साध्वी उन्नत प्रभा (पीएचडी) — ने विद्यार्थियों को जीवन से जुड़े गहरे और व्यावहारिक संदेश दिए। ये तीनों साध्वियां जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्य श्री महाश्रमण जी के निर्देशन में देशभर में पदयात्रा कर अहिंसा, संयम और करुणा का संदेश दे रही हैं।*
*साध्वीजी ने अपने उद्बोधन में बताया कि महाप्राण ध्वनि का प्रतिदिन नौ बार उच्चारण करने से मस्तिष्क की निष्क्रिय नसें (न्यूरॉन्स) सक्रिय होती हैं, जिससे विद्यार्थियों की एकाग्रता, स्मरण शक्ति और सोचने की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होता है। उन्होंने ध्यान, आत्मचिंतन और सीमाओं को तोड़ने जैसे विषयों पर भी छात्रों को गहराई से प्रेरित किया। कार्यक्रम में छात्रों ने साध्वीजी के विचारों को गंभीरता से सुना और जीवन में उनका अनुसरण करने का संकल्प लिया।*






