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इंसान धन कमा मालिक बन भी संतुस्ट व सुखी नहीं-मिल्कीयत छोड़ माली बनने की सोचे तो सुख शांति प्राप्त कर सकता है-आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी*

केकड़ी 24 अप्रैल (पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क )*
*इंसान हर वस्तु का मालिक बनना चाहता है, वह धन के पीछे भागता है और खूब धन कमा लेने के बाद मालिक बनकर भी वह संतुष्ट व सुखी नहीं रह पाता है ।*
*लक्ष्मी चंचलास्वरूप है,आज है कल नहीं है, यदि मालिक न बनकर माली बनने की सोचे ओर मल्कियत को छोड़ देवे तो सुख शांति प्राप्त कर सकता है ।*
*बोहरा कॉलोनी स्थित शिवम वाटिका में आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ने आयोजित धर्म सभा में अपने धर्मोपदेश में कहे।*
*उन्होंने कहा कि जैन धर्म जन-जन का धर्म है इसमें ताप एवं त्याग का विशेष महत्व है ।*
*बिना त्याग के जीवन संयममय नहीं हो सकता है । विज्ञान भी जैन धर्म पर आधारित धार्मिक एवं नैतिक ज्ञान को ग्रहण कर रहस्य को समझने का प्रयास कर रहा है।*
*प्रातः जिनाभिषेक, शांतिधारा, जिनेन्द्रार्चना व अन्य धार्मिक क्रियायें आर्यिका माताजी के सानिध्य में सम्पन्न हुई।*
*शांतिधारा करने का सौभाग्य पारस मल महावीर प्रसाद भाग चंद त्रिलोक चंद लाभचंद बघेरा परिवार को मिला।*
*भगवान महावीर व आचार्य श्री का चित्र अनावरण पदम चंद विनय कुमार कटारिया ने किया।*
*राजुल महिला मंडल ने माताजी को शास्त्र भेंट किया ।*
*नगरपरिषद के आयुक्त मनोज मीणा,ए टी पी संजय सारस्वत, बीजेपी नगर अध्यक्ष रितेश जैन व पार्षद मनोज कुमावत ने माताजी को श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया ।*
*समाज ने अतिथियों का सम्मान किया ।*
*शाम को आरती, भक्तिसंगीत,आनंद यात्रा सहित बाल कवि सम्मेलन आयोजित किया गया ।*

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