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*कर्मो कि सफाई के लिए प्रभु भक्ति जरुरी -आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी*

*केकड़ी 22 अप्रैल (पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क )*
*जाने अनजाने में भूलवश मानव गलती कर बैठता है, और कर्म रूपी बंधन से जकड़ जाता है ।*
*घर के कचरे के लिए प्रतिदिन सफाई की आवश्यकता है उसी प्रकार कर्मों की सफाई के लिए प्रभु भक्ति करना भी आवश्यक होता है ।*
*बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ जैन मंदिर के निकट शिवम वाटिका में आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी ने अपने धर्मोपदेश में कहे ।*
*उन्होंने कहा कि कर्मों की निर्जरा व आत्म विशुद्धि के लिए आलोचना ,प्रतिक्रमण, प्रायश्चित एवं पश्चाताप सफल साधन है ।*
*किसी भी गलत कार्य के प्रति प्रायश्चित कर लेना  एक बहुत बड़ा तप है ।*
*स्वयं के सुख के लिए  कभी भी पर को कष्ट पहुंचाने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए ।*
*प्रातःकालीन शांतिधारा का सौभाग्य भाग चंद ज्ञान चंद सुनील कुमार जैन  ज्वेलर्स परिवार को मिला ।*
*भगवान महावीर व आचार्य श्री के चित्र अनावरण व दीप प्रज्वल तथा आर्यिका माताजी के पाद प्रक्षालन का पुण्यार्जन ओमप्रकाश गोविंद कुमार योगेश कुमार सदारा परिवार ने प्राप्त किया ।*
*आर्यिका माता जी को शास्त्र भेंट शुभकामना परिवार के पार्श्र्वनाथ ग्रुप द्वारा किया गया ।*
*समाज के अध्यक्ष ज्ञान चंद जैन ज्वैलर्स व मंत्री कैलाश चंद जैन मावा वालों ने बताया कि भगवान मुनिसुव्रतनाथ विधान  आर्यिका माताजी ससंघ के सानिध्य में आयोजित किया गया ।*
*मीडिया प्रभारी रमेश बंसल व पारस जैन ने बताया कि कल मुनिसुव्रतनाथ भगवान का जन्म व तप कल्याणक महोत्सव आर्यिका माताजी ससंघ के सानिध्य में रिद्धि सिध्दि मंत्रों के द्वारा 1008 रजत कलशों द्वारा महामस्तकाभिषेक एवं पालना झुलाने का कार्यक्रम शिवम वाटिका में आयोजित होगा ।*