*केकड़ी 6 अप्रैल (पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क)*
*समरावता थप्पड़ कांड की जांच कर रहे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जन जाती आयोग की 6 सदस्यीय कमेटी की 23 पेज की जांच रिपोर्ट निरुपम चकमा द्वारा सार्वजनिक की है उसमें एरिया मजिस्ट्रेट तत्तकालीन मालपुरा उपखंड अधिकारी अमित चौधरी को दोषी माना गया है।उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और उसके पति से जबरदस्ती वोट डलवाया।*
*जांच रिपोर्ट में अनेक कारणों से पुलिस जांच को भी संदेह के दायरे में लिया गया है।*
*मतदान समाप्ती के बाद ई वी एम मशीने समरावता से स्ट्रॉग रूम तक पंहुच जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा एहतियाती कदम जैसे नेटबन्दी-मोबाइल नेटवर्क को डाउन करने गांव के प्रवेश मार्गो पे पुलिस जाप्ता नही लगाना आदि भी नही किया जाना प्रशासनिक फैलयूर को दर्शाता है।यदि जिला प्रशासन समय रहते ये कदम उठाता तो माहौल को गर्म होने से रोका जा सकता था।*
*पीड़ित ग्रामीणों को सरकार मुआवजा दे इसकी भी जांच रिपोर्ट में सिफारिश की गई है।*
*जांच रिपोर्ट में गांव में की गई पुलिस कार्यवाही को गलत ठहराया गया है।*
*जांच रिपोर्ट में दोषी प्रशासनिक एवम पुलिस कर्मचारियों पर भी कार्यवाही करने की सिफारिश की गई है।*
*राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जन जाती आयोग की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद राज्य सरकार एवम जिला प्रशासन टोंक से 30 दिन में जवाब तलब किया गया है।*



